मुझसे मिलने तुम आते 【भक्ति-गीत】
मुझसे मिलने तुम आते 【भक्ति-गीत】
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
कौन भला मानेगा प्रभु मुझसे मिलने तुम आते
(1)
प्रभु ! कितना सरल बुलाना तुमको, न खर्चा न पानी
प्रियतम तुमको सिर्फ प्यार से है आवाज लगानी
मन में लगन लिए मिलने की हम आवाज लगाते
कौन भला मानेगा प्रभु मुझसे मिलते तुम आते
(2)
मधुर तुम्हारे आने ने सब राग-रंग-रस सोखा
सच्चे केवल तुम लगते हो बाकी सब कुछ धोखा
घुले-मिले हम तुम ऐसे अब अलग कहाँ रह जाते
कौन भला मानेगा प्रभु मुझसे मिलते तुम आते
(3)
जितनी देर संग में मिलता दर्शन नाथ तुम्हारा
मस्ती-नशा-इश्क यह प्रियतम लगता प्यारा-प्यारा
पता नहीं यह अमिय कृपा क्यों तुम मुझ पर बरसाते
कौन भला मानेगा प्रभु मुझसे मिलने तुम आते
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
अमिय = अमृत
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर(उ. प्र.)मो. 99976 15451