मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां
मुझको अपना बताता था,अब है कहां,
मुझसे चाहत जताता था,अब है कहां।
मै तो बैठी हूं,दहलीज पर अब है उसके,
मुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां।।
तुझसे बचकर वह अब जायेगा कहां,
अगर दिल तोड़ दिया,अब रहेगा कहां।
बसा ले दिल में तू उसको अपने दिल में,
वरना ठोकर खाता फिरेगा कहां कहां।।
तुझको धोखा देकर,वह अब जायेगा कहां,
परछाई है तू उसकी,रहेगी तू अब वहां।
इश्क किया था,तूने उसे दिल व जान से,
बसायेगा वह अपनी दुनिया,रहेगी तू जहा।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम