मुझमें ऐसी क्या थी कमी
ऐ ज़िंदगी
मेरी ज़िंदगी
थी मुझमें ऐसी
क्या कमी…
(१)
कि छोड़ गई
दिल तोड़ गई
तू लेके अब
मेरी हर ख़ुशी…
(२)
मार डाले
ना कहीं
आज मुझको
मेरी तिश्नगी…
(३)
आई थी
घर फूंकने
बनके तू
एक रोशनी…
(४)
दिल पर उसे
ले बैठा मैं
तूने तो की
बस दिल्लगी…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)