Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2022 · 1 min read

मुझपे लफ़्ज़ों का

मुझपे लफ़्ज़ों का जाल मत फेको ।
तुम मेरी ख़ासियत से वाकिफ़ हो।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 710 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
काश कुछ ख्वाब कभी सच ही न होते,
Kajal Singh
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
Swami Vivekanand
Swami Vivekanand
Poonam Sharma
ख़ुद ब ख़ुद
ख़ुद ब ख़ुद
Dr. Rajeev Jain
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
लड़कियों की जिंदगी आसान नहीं होती
Adha Deshwal
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
प्यार जताना नहीं आता मुझे
प्यार जताना नहीं आता मुझे
MEENU SHARMA
सच तो जीवन में हमारी सोच हैं।
सच तो जीवन में हमारी सोच हैं।
Neeraj Agarwal
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
गीतिका
गीतिका
जगदीश शर्मा सहज
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
ग़ज़ल _ मुसाफ़िर ज़िंदगी उसकी , सफ़र में हर घड़ी होगी ,
Neelofar Khan
फसल
फसल
Bodhisatva kastooriya
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
3593.💐 *पूर्णिका* 💐
3593.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
#दोहा
#दोहा
*प्रणय*
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
कवि दीपक बवेजा
पितरों का लें आशीष...!
पितरों का लें आशीष...!
मनोज कर्ण
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
*छल-कपट को बीच में, हर्गिज न लाना चाहिए【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
प्रभु भक्ति में सदा डूबे रहिए
प्रभु भक्ति में सदा डूबे रहिए
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
आज के समाज का यही दस्तूर है,
आज के समाज का यही दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ನನ್ನಮ್ಮ
ನನ್ನಮ್ಮ
ಗೀಚಕಿ
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
जब एक लौ एक उम्मीद जला करती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
“सुरक्षा में चूक” (संस्मरण-फौजी दर्पण)
DrLakshman Jha Parimal
दिलों का हाल तु खूब समझता है
दिलों का हाल तु खूब समझता है
नूरफातिमा खातून नूरी
Today's Thought
Today's Thought
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इतनी ज़ुबाॅ को
इतनी ज़ुबाॅ को
Dr fauzia Naseem shad
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
'नव कुंडलिया 'राज' छंद' में रमेशराज के व्यवस्था-विरोध के गीत
कवि रमेशराज
" अगर "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...