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30 Dec 2024 · 1 min read

मुझको नया भरम दे , नया साल दर पे हैं

मुझको नया भरम दे , नया साल दर पे हैं
इक बे-वफ़ा सनम दे , नया साल दर पे हैं

अच्छी ग़ज़ल तराशे ज़माना हुआ हैं अब
कोई नया ही ग़म दे , नया साल दर पे हैं

जितने मिले थे दर्द , रक़म कर दिए सभी
ग़म की नई क़लम दे , नया साल दर पे हैं

वो शेर सुनके वाह हैं करती , ये रहम क्यों
शाइर को बस सितम दे , नया साल दर पे हैं

वादा शराब छोड़ने का हैं दिया उसे
यारा शराब कम दे , नया साल दर पे हैं…

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