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27 Feb 2018 · 1 min read

मुखोटे

शरीर बिक गया जमीर बिक गया,
अब इंसान से इंसान होने की आशा मत करो ,
गली के नुक्कड पर लगा के बैठे थे हम भी दुकान मुखौटो वाली,
श्याम तक पता चला वो नुक्कड़ भी बिक गया।

Language: Hindi
533 Views
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