मुखर तुम्हारा मौन (गीत)
मुखर तुम्हारा मौन (गीत)
{श्रद्धांजलि :अटल बिहारी वाजपेई}
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राजनीति के कोलाहल में मुखर तुम्हारा मौन
(1)
तुम्हें देखकर लगता जैसे निर्मल नदिया बहती
मन की बातें कोई चिड़िया नील गगन में कहती
सागर से लहरों ने पूछा बतलाओ तुम कौन
(2)
सच के सदा रहे तुम साथी, अंतर्मन को गाया
सबका लेकर साथ, राह पर चलना तुमको भाया
सम्मुख बड़ी सोच के आगे, क्षुद्र प्रश्न सब गौण
राजनीति के कोलाहल में मुखर तुम्हारा मौन
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर
मोबाइल 999761 5451