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31 Jan 2019 · 1 min read

मुक्तक

तू मुझे मिल जाए ख़ुदा से रोज़ कहती हूँ मैं,
तू वजह जिसके लिए ख़ामोश सी रहती हूँ मैं,
कुछ नहीं मिलना मुझे मालूम है अच्छी तरह
फिर भी जैसे तुझ को ख़ुद में ढूँढती रहती हूँ मैं”

Language: Hindi
215 Views
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