मुक्तक
मुक्तक-
मज़ा आए भला कैसे जगत की आशनाई में।
लगा हो ध्यान जब सबका यहाँ केवल बुराई में।
दुखों की शीत में बाँटा अमीरी ने नहीं कंबल,
दिखी है मस्त वह लेटी सदा सुख की रजाई में।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय
मुक्तक-
मज़ा आए भला कैसे जगत की आशनाई में।
लगा हो ध्यान जब सबका यहाँ केवल बुराई में।
दुखों की शीत में बाँटा अमीरी ने नहीं कंबल,
दिखी है मस्त वह लेटी सदा सुख की रजाई में।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय