मुक्तक
रूठते “”””रूठते वो मनाने लगे
दूर थे जो बहुत पास आने लगे
इस तरह हो गया उनपे मेरा असर
प्यार के गीत वो गुनगुनाने लगे
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)
रूठते “”””रूठते वो मनाने लगे
दूर थे जो बहुत पास आने लगे
इस तरह हो गया उनपे मेरा असर
प्यार के गीत वो गुनगुनाने लगे
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)