मुक्तक
तेज़ धूप है तुम करते हो हमसे मधुमासों की बात,
सोचो किसको भली लगेगी मिथ्या विश्वासों की बात
हम लोगों को कथा सुनाकर झाँसी वाली रानी की,
जनसेवक कहलाने वाले करते हैं झांसों की बात।
तेज़ धूप है तुम करते हो हमसे मधुमासों की बात,
सोचो किसको भली लगेगी मिथ्या विश्वासों की बात
हम लोगों को कथा सुनाकर झाँसी वाली रानी की,
जनसेवक कहलाने वाले करते हैं झांसों की बात।