मुक्तक
आज का मुक्तक :-
शुक्रवार
दिनांक – ३० -११ -२०१८
मात्रा भार – २२(अंतिम-पंक्ति-२३)
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उर से छन कर भाव जो, आ जाते हैं मुझ-तक।
वही शब्द वसन धर, आ जाते हैं मुक्-तक।
मन में दबी कोई अभिव्यक्ति, वेदना-
प्रस्फुटित हो बरबस, आ जाते हैं मुख-तक।
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#स्वरचित_मौलिक_सर्वाधिकार_सुरक्षित*
अजय कुमार पारीक’अकिंचन’
जयपुर(राजस्थान)
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