मुक्तक
मैं अधूरा सा हूँ तेरे नाम के बग़ैर।
यादों की तड़पाती हुई शाम के बग़ैर।
मैं देखकर ज़िन्दा हूँ तेरी तस्वीरें-
आँखें भी सोती नहीं हैं जाम के बग़ैर।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
मैं अधूरा सा हूँ तेरे नाम के बग़ैर।
यादों की तड़पाती हुई शाम के बग़ैर।
मैं देखकर ज़िन्दा हूँ तेरी तस्वीरें-
आँखें भी सोती नहीं हैं जाम के बग़ैर।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय