मुक्तक
हे नारी तुम विश्वकर्मा हो, तुम जीवन का आधार हो,
तुम तो ममता का सागर हो, तुम शक्ति का भंडार हो ,
तुम जननी हो, निर्माता हो, तुम प्रकृति का वरदान हो,
कभी पुष्प सी हो कोमल तुम कभी लगे तलवार हो।
हे नारी तुम विश्वकर्मा हो, तुम जीवन का आधार हो,
तुम तो ममता का सागर हो, तुम शक्ति का भंडार हो ,
तुम जननी हो, निर्माता हो, तुम प्रकृति का वरदान हो,
कभी पुष्प सी हो कोमल तुम कभी लगे तलवार हो।