मुक्तक
बीज बोये बिन फ़सल नहीं होते,
जीवन के हिस्से में कभी कल नहीं होते,
विवशताओं ने पागल कर दिया होगा,
ख़्याल बचपने से कभी चँबल नहीं होते,
बीज बोये बिन फ़सल नहीं होते,
जीवन के हिस्से में कभी कल नहीं होते,
विवशताओं ने पागल कर दिया होगा,
ख़्याल बचपने से कभी चँबल नहीं होते,