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10 Sep 2018 · 1 min read

मुक्तक

इश्क प्यार की मूरत हो जब ,
मर्यादा के राम बनें ।

बना रहे हम रति हैं जिसको ,
उसके खातिर काम बनें ।

साथी मीत भले कुछ कह लें ,
नाते हैं केवल दिल के ।

राधा रानी उसे बनाने ,
हम भी तो घनश्याम बनें ।।

Language: Hindi
234 Views
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