मुक्तक
दबी सी भावनाओं को मेरी आकार दे देना,
सिकुड़ती जिंदगानी को जरा विस्तार दे देना।
तुम्हारी भांति मैं भी मन की बातें कर सकूं खुलकर,
मुझे भी बोलने का तुम जरा अधिकार दे देना।।
-विपिन शर्मा
दबी सी भावनाओं को मेरी आकार दे देना,
सिकुड़ती जिंदगानी को जरा विस्तार दे देना।
तुम्हारी भांति मैं भी मन की बातें कर सकूं खुलकर,
मुझे भी बोलने का तुम जरा अधिकार दे देना।।
-विपिन शर्मा