मुक्तक
कहना मेरा मानो , तो कोई बात बने ।
कुछ करने की ठानो, तो कोई बात बने।
यूँ तो पहचानते हैं,लोग यहाँ लोगों को ,
पर तुम खुद को जानो,तो कोई बात बने।
कहना मेरा मानो , तो कोई बात बने ।
कुछ करने की ठानो, तो कोई बात बने।
यूँ तो पहचानते हैं,लोग यहाँ लोगों को ,
पर तुम खुद को जानो,तो कोई बात बने।