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10 Nov 2016 · 1 min read

मुक्तक

ज़रा सच बोलना चाहें तो अपने रूठ जाते हैं।
यहाँ प्यासों से अक्सर ही समंदर छूट जाते हैं।।
जहाँ पर ख्वाब बिकते हों हकीकत के लिफाफों में।
वहां अक्सर हकीकत के पसीने छूट जाते हैं।।

©आलोचक

Language: Hindi
362 Views
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