मुक्तक
तेरी सूरत के अभी दिवाने बहुत से हैं।
तेरी अदा के अभी अफ़साने बहुत से हैं।
तस्वीरे-अंज़ाम को मिटाऊँ किस तरह?
ज़ख़्मों के निशान अभी पुराने बहुत से हैं।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
तेरी सूरत के अभी दिवाने बहुत से हैं।
तेरी अदा के अभी अफ़साने बहुत से हैं।
तस्वीरे-अंज़ाम को मिटाऊँ किस तरह?
ज़ख़्मों के निशान अभी पुराने बहुत से हैं।
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय