मुक्तक
कोई दिखता जब भूखा भोजन को खिला देना
घर में रहता तू बेघर को भी तो बसा देना
तू काम किसी के आया अब तक न इसलिए
नादान दिलो़ में भगवान को बसा देना
कोई दिखता जब भूखा भोजन को खिला देना
घर में रहता तू बेघर को भी तो बसा देना
तू काम किसी के आया अब तक न इसलिए
नादान दिलो़ में भगवान को बसा देना