मुक्तक
खुदा के रूप का सम्मान कम होने नहीं देना,
बुढ़ापे में इन्हें तुम कोई गम होने नहीं देना।
यकीं मानों तुम्हें मिल जाएंगी, खुशियां जहां भर की,
कभी माँ-बाप की आंखों को नम होने नहीं देना।।
-विपिन शर्मा
खुदा के रूप का सम्मान कम होने नहीं देना,
बुढ़ापे में इन्हें तुम कोई गम होने नहीं देना।
यकीं मानों तुम्हें मिल जाएंगी, खुशियां जहां भर की,
कभी माँ-बाप की आंखों को नम होने नहीं देना।।
-विपिन शर्मा