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27 May 2018 · 1 min read

मुक्तक

खुदा के रूप का सम्मान कम होने नहीं देना,
बुढ़ापे में इन्हें तुम कोई गम होने नहीं देना।
यकीं मानों तुम्हें मिल जाएंगी, खुशियां जहां भर की,
कभी माँ-बाप की आंखों को नम होने नहीं देना।।
-विपिन शर्मा

Language: Hindi
558 Views
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