मुक्तक
हमें आप जब कभी याद आने लगते हैं!
हमें दर्द ख्वाहिशों के सताने लगते हैं!
यूँ पास आ जाते हो मेरी निगाहों में,
हमें ख्वाब गुफ्तगूं के जलाने लगते हैं!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
हमें आप जब कभी याद आने लगते हैं!
हमें दर्द ख्वाहिशों के सताने लगते हैं!
यूँ पास आ जाते हो मेरी निगाहों में,
हमें ख्वाब गुफ्तगूं के जलाने लगते हैं!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय