मुक्तक
जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा
छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा
रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना
एक तेरा रेत का महल ढला रह जायेगा
जब पुकारेगा खुदा सब कुछ धरा रह जायेगा
छोड़ दुनियाँ रूह से अपनी जुदा रह जायेगा
रुप अपना तू निखारे देख कर के आयना
एक तेरा रेत का महल ढला रह जायेगा