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13 Mar 2018 · 1 min read

मुक्तक

तेरे दिल की बात बदल न जाए कहीं!
वक्ते-मुलाकात निकल न जाए कहीं!
कब तक करूँ यकीन तेरे प्यार पर?
तन्हाई में रात ढल न जाए कहीं!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
213 Views
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