“मुक्तक”
शून्य में ताकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
अतीत में छांकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
सूख चुके मन के घाव को कुरेद कर सहलाना-
आंसुओं से धोना कभी-कभी अच्छा लगता है।
–पूनम झा
कोटा राजस्थान
मोब. 9414875654
शून्य में ताकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
अतीत में छांकना कभी-कभी अच्छा लगता है ।
सूख चुके मन के घाव को कुरेद कर सहलाना-
आंसुओं से धोना कभी-कभी अच्छा लगता है।
–पूनम झा
कोटा राजस्थान
मोब. 9414875654