मुक्तक
मुक्तक
मात्रा भार। 21
तुम्हे देख दिल मेरा कहांखो गया है।
ना जाने मुझे क्या रोग लग गया है।
नही आता बिन तेरे दिल को करार।
बिन मिले जीना दुशवार हो गया हैं।
गायत्री सोनु जैन
मुक्तक
मात्रा भार। 21
तुम्हे देख दिल मेरा कहांखो गया है।
ना जाने मुझे क्या रोग लग गया है।
नही आता बिन तेरे दिल को करार।
बिन मिले जीना दुशवार हो गया हैं।
गायत्री सोनु जैन