मुक्तक
मुक्तक
तेरे चाहने का तरीका ही अजीब था,
जब चाहा हँसा दिया, जब चाहा रुला दिया।
मैं सोनू मोहब्बत की दीवानी तेरे।
सब गमों को सहकर दिल अपना समझा लिया।
मुक्तक
तेरे चाहने का तरीका ही अजीब था,
जब चाहा हँसा दिया, जब चाहा रुला दिया।
मैं सोनू मोहब्बत की दीवानी तेरे।
सब गमों को सहकर दिल अपना समझा लिया।