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17 Jan 2018 · 1 min read

मुक्तक

अब मिमियाना बन्द करो, आंखों के डोरे लाल करो,
दुश्मन के खूं से अभिसिंचित कर ये धरा निहाल करो।
छप्पन इंची सीने वालो, इतना कह दो सेना से,
खुली छूट देता हूँ, तुम ऊंचा भारत का भाल करो।।
-विपिन शर्मा

Language: Hindi
375 Views
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