मुक्तक
मवाली और गुंडों की हिफाजत हो गई है,
धर्म के नाम पर गंदी सियासत हो गई है।
अमन के साथ हम सब चाहते रहना हैं लेकिन,
सियासत को लहू पीने की आदत हो गई है।।
-विपिन शर्मा
मवाली और गुंडों की हिफाजत हो गई है,
धर्म के नाम पर गंदी सियासत हो गई है।
अमन के साथ हम सब चाहते रहना हैं लेकिन,
सियासत को लहू पीने की आदत हो गई है।।
-विपिन शर्मा