मुक्तक
एक मुद्दत से अपना मुकाम ढूँढता हूँ!
मैं तेरी गुफ्तगूं सुबह-शाम ढूँढता हूँ!
जब भी नजर को घेरती हैं तन्हाइयाँ,
मैं अपनी ख्वाहिशों में जाम ढूँढता हूँ!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय
एक मुद्दत से अपना मुकाम ढूँढता हूँ!
मैं तेरी गुफ्तगूं सुबह-शाम ढूँढता हूँ!
जब भी नजर को घेरती हैं तन्हाइयाँ,
मैं अपनी ख्वाहिशों में जाम ढूँढता हूँ!
मुक्तककार- #मिथिलेश_राय