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18 Nov 2017 · 1 min read

मुक्तक

होते ही शाम तेरी प्यास चली आती है!
मेरे ख्यालों में बदहवास चली आती है!
उस वक्त टकराता हूँ गम की दीवारों से,
जब भी यादों की लहर पास चली आती है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
266 Views
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