मुक्तक
मेरी यादें ही तेरा हिसाब हैं,
बहे जो आँसू तेरे वो ख़्वाब हैं
हर शर्त तेरी मंज़ूर हैं बेदर्दी
दी थी जो गुलाब सूख गये हैं
मेरी यादें ही तेरा हिसाब हैं,
बहे जो आँसू तेरे वो ख़्वाब हैं
हर शर्त तेरी मंज़ूर हैं बेदर्दी
दी थी जो गुलाब सूख गये हैं