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5 Oct 2017 · 1 min read

मुक्तक

अभी रिश्ता दिलों का धड़कनों में चलने दो!
अभी #शामे_तन्हाई को रात में ढलने दो!
कभी तो मिलेगा हमें भी रास्ता मंजिल का,
रोशनी उम्मीद की बेखौफ सा जलने दो!

मुक्तककार – #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
482 Views
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