Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Sep 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरा ख्याल क्यों मुझको आता ही रहता है?
तेरा ख्याल मुझको तरसाता ही रहता है!
तेरी याद जुड़ गयी है साँसों की डोर से,
तेरा प्यार मुझको तड़पाता ही रहता है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
304 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नर्क स्वर्ग
नर्क स्वर्ग
Bodhisatva kastooriya
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
प्रभु ने बनवाई रामसेतु माता सीता के खोने पर।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
#तेवरी / #देसी_ग़ज़ल
#तेवरी / #देसी_ग़ज़ल
*Author प्रणय प्रभात*
आप, मैं और एक कप चाय।
आप, मैं और एक कप चाय।
Urmil Suman(श्री)
उर्दू वर्किंग जर्नलिस्ट का पहला राष्ट्रिय सम्मेलन हुआ आयोजित।
उर्दू वर्किंग जर्नलिस्ट का पहला राष्ट्रिय सम्मेलन हुआ आयोजित।
Shakil Alam
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
तेरा ही नाम ले लेकर रोज़ इबादत करती हूँ,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
गीत... (आ गया जो भी यहाँ )
Dr. Rajendra Singh 'Rahi'
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
मैं यूं ही नहीं इतराता हूं।
नेताम आर सी
सरकार हैं हम
सरकार हैं हम
pravin sharma
.......... मैं चुप हूं......
.......... मैं चुप हूं......
Naushaba Suriya
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
[28/03, 17:02] Dr.Rambali Mishra: *पाप का घड़ा फूटता है (दोह
Rambali Mishra
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
धूम मची चहुँ ओर है, होली का हुड़दंग ।
Arvind trivedi
धड़कन से धड़कन मिली,
धड़कन से धड़कन मिली,
sushil sarna
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
सहसा यूं अचानक आंधियां उठती तो हैं अविरत,
Abhishek Soni
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
*कुहरा दूर-दूर तक छाया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"अहा जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-344💐
💐प्रेम कौतुक-344💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
यूँ ही ऐसा ही बने रहो, बिन कहे सब कुछ कहते रहो…
Anand Kumar
ऐ!मेरी बेटी
ऐ!मेरी बेटी
लक्ष्मी सिंह
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
3231.*पूर्णिका*
3231.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विपक्ष से सवाल
विपक्ष से सवाल
Shekhar Chandra Mitra
'मरहबा ' ghazal
'मरहबा ' ghazal
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आजादी की शाम ना होने देंगे
आजादी की शाम ना होने देंगे
Ram Krishan Rastogi
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
प्रेम स्वतंत्र आज हैं?
The_dk_poetry
वोट की खातिर पखारें कदम
वोट की खातिर पखारें कदम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
Loading...