उड़ान
पवन मेरी सीढ़ी बने, वितान पर हो इक मकान
रवि से बाते करूँ, शशि तारे हों मेरे मेहमान
बादलों के पोत चढूँ और नक्षत्रों पर विचरूँ
शोध कर उतरूं पृथ्वी पर, एकत्र कर महाज्ञान
पवन मेरी सीढ़ी बने, वितान पर हो इक मकान
रवि से बाते करूँ, शशि तारे हों मेरे मेहमान
बादलों के पोत चढूँ और नक्षत्रों पर विचरूँ
शोध कर उतरूं पृथ्वी पर, एकत्र कर महाज्ञान