मुक्तक
फीकी-फीकी है जिंदगी जीने में अब स्वाद कहां है
दिल तिजोरी ना रहे मुहब्बत अब जायदाद कहां है
हाल ऐ दिल समझाने में दिल हलाल ही होते हैं
खामोश धड़कनें समझाये दिल में ऐसा अनुवाद कहां है
फीकी-फीकी है जिंदगी जीने में अब स्वाद कहां है
दिल तिजोरी ना रहे मुहब्बत अब जायदाद कहां है
हाल ऐ दिल समझाने में दिल हलाल ही होते हैं
खामोश धड़कनें समझाये दिल में ऐसा अनुवाद कहां है