मुक्तक
2122 2122 2122
गलत राय गलत मशवरा देने वाले
मुंसिफी की आड़ फतवा देने वाले
बिजलियाँ सौ सौ गिरे तेरे घरों में
जन्नते काश्मीर जला देने वाले
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग छत्तीसगढ़
5.7.17
2122 2122 2122
गलत राय गलत मशवरा देने वाले
मुंसिफी की आड़ फतवा देने वाले
बिजलियाँ सौ सौ गिरे तेरे घरों में
जन्नते काश्मीर जला देने वाले
सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग छत्तीसगढ़
5.7.17