Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

तेरे सिवा कुछ भी नजर आता नहीं है!
ख्वाबों का सफर भी मुस्कुराता नहीं है!
राह खींच लेती है यादों की इसतरह,
तेरा ख्याल मुझसे दूर जाता नहीं है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
वो हर रोज़ आया करती है मंदिर में इबादत करने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
वो भी क्या दिन थे क्या रातें थीं।
Taj Mohammad
कविता
कविता
Nmita Sharma
" पुराने साल की बिदाई "
DrLakshman Jha Parimal
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
एक महिला अपनी उतनी ही बात को आपसे छिपाकर रखती है जितनी की वह
Rj Anand Prajapati
बचपन के दिन...
बचपन के दिन...
जगदीश लववंशी
There are few moments,
There are few moments,
Sakshi Tripathi
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
तू ना मिली तो हमने
तू ना मिली तो हमने
VINOD CHAUHAN
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
मैं उसकी निग़हबानी का ऐसा शिकार हूँ
Shweta Soni
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
Rituraj shivem verma
Hame apne Lakshya pe dyan dena chaiye,
Hame apne Lakshya pe dyan dena chaiye,
Vaibhav Singh
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
नशे का घूँट पीकर के तो मंथन कर नहीं सकती
अंसार एटवी
*आदत*
*आदत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बहुत कुछ सीखना ,
बहुत कुछ सीखना ,
पं अंजू पांडेय अश्रु
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
पीयूष गोयल में हाथ से लिखी दर्पण छवि में १७ पुस्तकें.
Piyush Goel
मया के खजाना
मया के खजाना
डिजेन्द्र कुर्रे
Bundeli Doha pratiyogita 142
Bundeli Doha pratiyogita 142
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
*दशहरे पर मछली देखने की परंपरा*
*दशहरे पर मछली देखने की परंपरा*
Ravi Prakash
जीतेंगे हम, हारेगा कोरोना
जीतेंगे हम, हारेगा कोरोना
Dr. Pradeep Kumar Sharma
🙅उजला पक्ष🙅
🙅उजला पक्ष🙅
*प्रणय*
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
ਰਿਸ਼ਤਿਆਂ ਦੀਆਂ ਤਿਜਾਰਤਾਂ
Surinder blackpen
माँ सरस्वती वंदना
माँ सरस्वती वंदना
Karuna Goswami
सपनों की उड़ान
सपनों की उड़ान
meenu yadav
डोर आस्था की
डोर आस्था की
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मोह मोह के चाव में
मोह मोह के चाव में
Harminder Kaur
पूतना वध
पूतना वध
Jalaj Dwivedi
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
Dr.sima
Loading...