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5 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

तुम मेरी चाहतों में हरवक्त बेशुमार हो!
तुम मेरी धड़कनों में आ जाते हर बार हो!
अब मुश्किल बहुत है रोकना तेरे सुरूर को,
तुम मेरी निगाहों में ठहरा हुआ खुमार हो!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
312 Views
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