Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

कबतक तेरी याद में तड़पता मैं रहूँ?
कबतक तेरी चाह में तरसता मैं रहूँ?
डूबा हूँ मैं कबसे पैमानों में मगर,
कबतक तेरे दर्द से गुजरता मैं रहूँ?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
253 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
चंदा पर चलने लगा मेरा हिंदुस्तान
चंदा पर चलने लगा मेरा हिंदुस्तान
RAMESH SHARMA
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
बुंदेली दोहा- गरे गौ (भाग-1)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
ग़ज़ल _ मुझे मालूम उल्फत भी बढ़ी तकरार से लेकिन ।
Neelofar Khan
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ढ़लती उम्र की दहलीज पर
ढ़लती उम्र की दहलीज पर
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जय हो बाबा साँई बाबा
जय हो बाबा साँई बाबा
Buddha Prakash
हमको नहीं गम कुछ भी
हमको नहीं गम कुछ भी
gurudeenverma198
भारत में किसानों की स्थिति
भारत में किसानों की स्थिति
Indu Singh
तिनका तिनका सजा सजाकर,
तिनका तिनका सजा सजाकर,
AJAY AMITABH SUMAN
राखी धागों का त्यौहार
राखी धागों का त्यौहार
Mukesh Kumar Sonkar
समंदर इंतजार में है,
समंदर इंतजार में है,
Manisha Wandhare
त्रिलोकीनाथ
त्रिलोकीनाथ
D.N. Jha
नकाब पोश
नकाब पोश
ओनिका सेतिया 'अनु '
शून्य से अनन्त
शून्य से अनन्त
The_dk_poetry
तेरा नाम
तेरा नाम
sheema anmol
***************गणेश-वंदन**************
***************गणेश-वंदन**************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
राही
राही
Neeraj Agarwal
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
You have to keep pushing yourself and nobody gonna do it for
पूर्वार्थ
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
जिसने अपने जीवन में दर्द नहीं झेले उसने अपने जीवन में सुख भी
Rj Anand Prajapati
भोर पुरानी हो गई
भोर पुरानी हो गई
आर एस आघात
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
तुम्हें भुलाने का सामर्थ्य नहीं है मुझमें
Keshav kishor Kumar
न बन बादल कोई भरा
न बन बादल कोई भरा
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*'नए क्षितिज' का दोहा विशेषांक*
*'नए क्षितिज' का दोहा विशेषांक*
Ravi Prakash
आज भी अपमानित होती द्रौपदी।
आज भी अपमानित होती द्रौपदी।
Priya princess panwar
क्या हुआ, क्यों हुआ
क्या हुआ, क्यों हुआ
Chitra Bisht
इतना हमने भी
इतना हमने भी
Dr fauzia Naseem shad
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
कितनी शिद्दत से देखा होगा मेरी नज़रों ने
शिव प्रताप लोधी
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...