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27 Apr 2017 · 1 min read

मुक्तक

तुम बिन कैसे हम जी सकेंगे?
जहर अश्क का हम पी सकेंगे!
बेशुमार गम हैं जुदाई के,
जख्म दामन का हम सी सकेंगे!

मुक्तककार- #महादेव’ (17)

Language: Hindi
224 Views
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