मुक्तक
यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे?
हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे?
कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर,
हम शाम की तन्हाई में कबतक जलेंगे?
मुक्तककार- #महादेव’
यूँ ही दर्द हमें राहों में कबतक मिलेंगे?
हम खौफ के सन्नाटों में कबतक चलेंगे?
कदम आरजू के कभी रुकते नहीं मगर,
हम शाम की तन्हाई में कबतक जलेंगे?
मुक्तककार- #महादेव’