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19 Nov 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ मन्तव्य के साथ।
[प्रणय प्रभात]
नाम और नाम के अर्थ से कोई आम या ख़ास नहीं होता। यह समय ही तय करता है कि कौन क्या है और कैसा है। बस, इसी को करती हैं आज की यह चार पंक्तियां। शुभ-रात्रि।।
👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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