मुक्तक
मुक्तक
चाँद मे दाग क्यूँ नजर आता है
हर एक शख्स आज क्यूँ बीमार नजर आता है l
पीर दिलों की मिटती नहीं ना जाने क्यूँ
केवल एक खुदा ही बेदाग नजर आता है ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम
मुक्तक
चाँद मे दाग क्यूँ नजर आता है
हर एक शख्स आज क्यूँ बीमार नजर आता है l
पीर दिलों की मिटती नहीं ना जाने क्यूँ
केवल एक खुदा ही बेदाग नजर आता है ll
अनिल कुमार गुप्ता अंजुम