मुक्तक
करवा चौथ स्पेशल
मुझे उसके लिए ही सोलहो सिंगार करना है
कि जिसके साथ जीवन का ये दरिया पार करना है
तू निकले या नहीं निकले गगन के चाँद सुन ले तू
मुझे तो आज अपने चाँद का दीदार करना है
प्रीतम श्रावस्तवी
करवा चौथ स्पेशल
मुझे उसके लिए ही सोलहो सिंगार करना है
कि जिसके साथ जीवन का ये दरिया पार करना है
तू निकले या नहीं निकले गगन के चाँद सुन ले तू
मुझे तो आज अपने चाँद का दीदार करना है
प्रीतम श्रावस्तवी