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29 Sep 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-

【प्रणय प्रभात】
“दिन भर आहों पर आहें भरता है चांद,
रात की धुन पे अठखेली करता है चांद।
बात अलग क़ुदरत को ये मंज़ूर नहीं,
पर ये सच है सूरज पे मरता है चांद।।”
👌👌👌👌👌👌👌👌👌
-सम्पादक-
●न्यूज़&व्यूज़●
(मध्य-प्रदेश)

1 Like · 30 Views
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