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28 Aug 2024 · 1 min read

#मुक्तक-

#मुक्तक-
■ समर बाक़ी…!
“हमने रामायण भुला दी दोस्तों,
इसलिए शंका है अब भी सामने।
हर दिशा से एक चिंगारी उठे,
हर क़दम लंका है अब भी सामने।।
👌प्रणय प्रभात👌

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