Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Apr 2017 · 1 min read

मुक्तक

(1)
ख़्वाब बुनता हूँ फिर उनको तोड़ जाता हूँ,
ख़ुद को मैं तो हक़ीक़त से जोड़ जाता हूँ,
कुछ ख़्वाब जीवन को बोझिल कर देते,
ऐसे ख़्वाबों से तो मैं मुख मोड़ जाता हूँ।

(2)
साथ चाहा था मैंने उनका उम्र भर के लिए,
बढ़ेगा क़दम साथ-साथ हर सफ़र के लिए,
कुछ क़दम साथ चल के ही मुख मोड़ लिए,
छोड़ा मुझको भटकने को दरबदर के लिए।

(3)
पाँव थक जायें तो हौसले से क़दमताल करो,
ठण्ड होती हुई रक्त में फिर कुछ उबाल करो,
वो जो सवालिया नज़रों से हैं देखते तुमको,
पा मंज़िल उनकी नज़रों में तुम धमाल करो।

(4)
कभी तो कड़ी धूप में हो पसीने से लथपथ,
कभी तो बारिश की ही बूँदों से हो तर-बतर,
कभी हाड़ कँपाती ठंडी में उँगलियाँ कसकर,
वो पैरों से तो चलाता रहता पैडल ही निरंतर,
कोई भी हालात हो वो तो रिक्शा खींचता है,
इस तरह वो अपनी गृहस्थी को सींचता है।

Language: Hindi
411 Views

You may also like these posts

जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
प्रदीप कुमार गुप्ता
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
I'm always with you
I'm always with you
VINOD CHAUHAN
पिता
पिता
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
हर किसी को नसीब नही होती ये जिंदगी।
हर किसी को नसीब नही होती ये जिंदगी।
Rj Anand Prajapati
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
संकल्प
संकल्प
Shyam Sundar Subramanian
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
चमकते चेहरों की मुस्कान में….,
डॉ. दीपक बवेजा
एक हसीन लम्हा
एक हसीन लम्हा
Shutisha Rajput
केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए पंजा-पार्टी को
केंद्र की सत्ता में वापसी के लिए पंजा-पार्टी को "विदूषक" व "
*प्रणय*
मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है
मोहब्बत अनकहे शब्दों की भाषा है
Ritu Asooja
अमृतध्वनि छंद
अमृतध्वनि छंद
Rambali Mishra
मत जागरूकता
मत जागरूकता
Juhi Grover
मुक्तक – शादी या बर्बादी
मुक्तक – शादी या बर्बादी
Sonam Puneet Dubey
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
पहले तेरे पास
पहले तेरे पास
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*पीड़ा*
*पीड़ा*
Dr. Priya Gupta
बाजार में हिला नहीं
बाजार में हिला नहीं
AJAY AMITABH SUMAN
- अनकहे जज्बात -
- अनकहे जज्बात -
bharat gehlot
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
आओ शाम की चाय तैयार हो रहीं हैं।
Neeraj Agarwal
लिखने के लिए ज़रूरी था
लिखने के लिए ज़रूरी था
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ऐंठे- ऐंठे चल रहे,  आज काग सर्वत्र ।
ऐंठे- ऐंठे चल रहे, आज काग सर्वत्र ।
sushil sarna
हर मंदिर में दीप जलेगा
हर मंदिर में दीप जलेगा
Ansh
Someone told me
Someone told me "whenever your life is feeling stagnant or a
पूर्वार्थ
ना तो कला को सम्मान ,
ना तो कला को सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
रद्दी के भाव बिक गयी मोहब्बत मेरी
Abhishek prabal
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
गुरु का महत्व
गुरु का महत्व
Indu Singh
Loading...