Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Sep 2023 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक
निखारो खूबियां अपनी, खामियां जन गिनायेंगे।
कदम आगे बढ़ाना तुम, खींचना लोग आएंगे। देखना है अगर सपना, तो ऊंचा ही सदा देखो। दिखाने के लिए नीचा सदा कुछ लोग आएंगे।।

राजेश तिवारी”रंजन”
बाँदा उत्तर प्रदेश

1 Like · 340 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्री चरण नमन
श्री चरण नमन
Dr.Pratibha Prakash
वक्त बर्बाद मत करो किसी के लिए
वक्त बर्बाद मत करो किसी के लिए
Sonam Puneet Dubey
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
अर्ज है पत्नियों से एक निवेदन करूंगा
शेखर सिंह
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चलो ऐसा भी करते हैं
चलो ऐसा भी करते हैं
Suryakant Dwivedi
हिंदी दोहा- अर्चना
हिंदी दोहा- अर्चना
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अरदास
अरदास
Buddha Prakash
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
ग़ज़ल _जान है पहचान है ये, देश ही अभिमान है ।
Neelofar Khan
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
3598.💐 *पूर्णिका* 💐
3598.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" - "श्मशान वैराग्य"
Atul "Krishn"
कोई तो है
कोई तो है
ruby kumari
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
"तगादा का दर्द"
Dr. Kishan tandon kranti
सरसी
सरसी
Dr.VINEETH M.C
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
आसान होते संवाद मेरे,
आसान होते संवाद मेरे,
Swara Kumari arya
இந்த உலகில்
இந்த உலகில்
Otteri Selvakumar
.
.
Shwet Kumar Sinha
ख़ाली हाथ
ख़ाली हाथ
Shashi Mahajan
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
मुझे याद रहता है हर वो शब्द,जो मैंने कभी तुम्हारें लिए रचा,
पूर्वार्थ
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
Kshma Urmila
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
धन्यवाद के शब्द कहूँ ये कम है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
असूयैकपदं मृत्युरतिवादः श्रियो वधः।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
"तुम कब तक मुझे चाहोगे"
Ajit Kumar "Karn"
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
हिम्मत एवम साहस
हिम्मत एवम साहस
मधुसूदन गौतम
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
*जग में होता मान उसी का, पैसा जिसके पास है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
Loading...